नदियों का जन्म कैसे हुआ?
प्रिय पाठको, क्या आप जानते है, धरती पर नदियों का जन्म कैसे हुआ? आइये जानें…
माना जाता है, सृष्टि के आरम्भ में जब पृथ्वी पर पहाड़ों और समुद्रों का निर्माण हो चुका था, तब पृथ्वी बहुत गर्म थी, जिस कारण लगातार वर्षा होती रहती थी। वर्षा का यह पानी पहाड़ों पर से टेड़े-मेड़े रास्तों से गुज़रता हुआ समुद्र में जाकर मिलता था।
निरन्तर बहते पानी के कारण ये रास्ते गहरे और विस्तारित होते गये। जल की धाराओं के कारण इनके परिवर्तित रूप को नदी का नाम दिया गया। वैसे तो अधिकांश नदियाँ पहाड़ों से ही निकली हैं। कुछ नदियों का जन्म पहाड़ों पर जमी बर्फ़ से पिघलने के कारण भी हुआ है। पहाड़ों पर जमी बर्फ़ से बने ग्लेशियर के खिसकने के कारण भी नदी बन जाती है। इसके अलावा, झरने और झीलों से भी नदियों का जन्म होता है।
क्या आप जानते हैं, विश्व की सबसे बड़ी नदी कौन-सी है?
विश्व की सबसे बड़ी नदी अमेज़न नदी है, जिसकी लम्बाई लगभग 6400 किलोमीटर मानी जाती है। अगर बाहरी मुख (सबसे दूरवाले हिस्से) को गिना जाए तो इसकी लम्बाई लगभग 6750 कि.मी. है।
कुछ लोग नील नदी को बड़ी मानते हैं। निश्चित ही नील नदी की लम्बाई अमेजन से अधिक है, लगभग 6650 कि.मी. (कहीं-कहीं 6670 या 6853 कि.मी. का ज़िक्र मिलता है, इस दृष्टि से नील नदी की लम्बाई अमेज़न से बड़ी है)।
किन्तु नील नदी का जल क्षेत्र 3,349,000 वर्ग किलोमीटर है और अमेजन नदी का जल क्षेत्र 7,045,000 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
लम्बाई की दृष्टि से नील नदी को हम निश्चित ही बड़ी मान लेते हैं, किन्तु क्षेत्रफल की दृष्टि से अमेज़न नदी नील नदी से दोगुनी से भी अधिक बड़ी है।
अमेज़न की लगभग 15000 सहायक और उपसहायक नदियाँ हैं। जिनमें 4 सहायक नदियाँ हैं। मेडिरा नामक सहायक नदी विश्व की सबसे लम्बी सहायक नदी है, जिसकी लम्बाई लगभग 3380 किलोमीटर है। अन्य तीन नदियों की लम्बाई 1609 किलोमीटर से भी अधिक है।
अमेज़न नदी के कई मुख हैं, जो सागर तक जाते-जाते चौड़े हो जाते हैं, जिससे नदी के अन्त होने का स्थान अनिश्चित हो जाता है। नदी-विशेषज्ञों का कहना है कि विश्व की सभी नदियों की तुलना में अमेज़न नदी का प्रवाह सबसे तेज़ है। इससे औसतन 1,20,000 घनमीटर जल प्रति सेकंड अटलांटिक महासागर में पहुँचता है। बाढ़ के दौरान यह प्रवाह 2,00,000 घन मीटर तक पहुँच जाता है।
1450 किलोमीटर तक की निचली अमेज़न की गहराई लगभग 17 मीटर है और कुछ स्थानों पर यह नदी 90 मीटर गहरी है। अमेज़न का बहाव नील नदी से 60 गुना ज़्यादा है।
अमेज़न नदी की सबसे बड़ी ख़ासियत यह है कि इसकी जितनी भी सहायक नदियाँ हैं, उन सभी के पानी का रंग अलग-अलग हैं। मूल स्रोत से जब जल प्रवाह निकलता है तो उसका रंग सफ़ेद या गन्दे पीले रंग का होता है। आमतौर पर अमेज़न नदी में वर्ष में एक बार बाढ़ आती ही है, उस समय नदी के मध्यम और निचले हिस्से में पानी का स्तर 30 से 60 फ़ुट तक बढ़ जाता है।
अमेज़न की गहराई इतनी है कि उसमें समुद्र में चलनेवाली जहाज़ आसानी से चलाये जा सकते हैं। नदी में चलनेवाली स्टीमर तो इनकी सहायक नदियों के तट में चलाये जा सकते हैं।