नवार्ण मंत्र क्या है?
नवार्ण का अर्थ होता है, नौ वर्ण अर्थात् नौ अक्षर। नवार्ण मन्त्र का अर्थ हुआ नौ वर्णों (अक्षरों) वाला मन्त्र। जो इस प्रकार है
।।ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।।
माँ दुर्गा के नवार्ण मन्त्र में अद्भुत शक्ति है। इस मन्त्र का उल्लेख सिद्धकुञ्जिका स्तोत्र में भी है। आइये इसका अर्थ जानते हैं-
ऐं बीज मन्त्र महासरस्वती का द्योतक है।
ह्रीं बीज मन्त्र महालक्ष्मी का द्योतक है।
क्लीं बीज मन्त्र महाकाली का द्योतक है।
चामुण्डायै
चण्ड और मुण्ड नामक राक्षसों के संहार करने माँ दुर्गा को चामुण्डा कहा जाता है। विज्ञजनों द्वारा चण्ड का अर्थ प्रवृत्ति और मुण्ड का अर्थ निवृत्ति के रूप में भी लिया जाता है। ये दोनों भाई काम और क्रोध के रूप भी माने गए हैं। इनकी संहारक शक्ति का नाम ही चामुण्डा है। जो स्वयं प्रकाशमान है।
विच्चे
विच्चे का अर्थ समर्पण या नमस्कार है।
मन में यह जिज्ञासा उठती है कि नवार्ण मन्त्र तो है
।।ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।।
तो फिर इसमें ॐ क्यों लगाया जाता है? क्योंकि ॐ सहित यह मन्त्र दस वर्णोंवाला हो जाता है।
इसका उत्तर है-
किसी भी मन्त्र के आरम्भ में ॐ का सम्पुट लगा देने से वह मन्त्र और भी शक्तिशाली हो जाता है। जिस प्रकार रेल के डिब्बे से इंजन जुड़कर उन डिब्बों को गन्तव्य तक पहुँचा देती है, उसी प्रकार किसी भी मन्त्र के आगे ॐ जुड़कर वही कार्य करता है। इसलिये शास्त्रों में अनेक स्थानों पर, अनेक मन्त्रों में अर्थ न होते हुए भी ॐ का सम्पुट लगाया जाता है।
अगर अर्थ की दृष्टि से उन मन्त्रों को पढ़ें तो उन मन्त्रों में ॐ का कोई अर्थ नहीं निकलता है, फिर भी ॐ का सम्पुट लगाया जाता है; क्योंकि ॐ परब्रह्म का द्योतक माना जाता है।
इसी कारण नवार्ण मन्त्र के आरम्भ में ॐ लगाया जाता है।
और इस मन्त्र को
।।ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।।
के रूप में साधक जाप करते हैं।
इस प्रकार सम्पूर्ण मन्त्र का अर्थ हुआ-
संसार के आधार परब्रह्म (ॐ) ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती (ऐं) सम्पूर्ण संकल्पों की अधिष्ठात्री देवी महालक्ष्मी (ह्रीं) सम्पूर्ण कर्मों की स्वामिनी महाकाली (क्लीं) चण्ड-मुण्ड (काम-क्रोध) का विनाश करनेवाली चामुण्डा देवी को नमस्कार है, पूर्ण समर्पण है।
उच्चारण किस प्रकार करें?
ॐ (ओम्) ऐं (ऐम्) ह्रीं (ह्रीम्) क्लीं (क्लीम्) चामुण्डायै विच्चे
कुछ लोग चामुण्डायै को चामुण्डाय
विच्चे को विच्चै उच्चारण करते हैं,
यू ट्यूब पर अनेक चैनलों पर इस प्रकार वीडियो पड़े हुए हैं, जिनमें उच्चारण दोषपूर्ण हैं। ऐसे वीडियो को दर्शकगण विवेकपूर्वक देखें सुनें। जिस चैनल पर विश्वास किया जा सके ऐसे ही चैनल के वीडियो देखें सुनें। इस बात को आलोचना की दृष्टि से मैं नहीं कह रहा हूँ, क्योंकि वीडियो बनानेवाले को ही पता नहीं होता कि उच्चारण क्या है? उनके पास सुविधा है तो जाने-अनजाने में ऐसे वीडियो बना देते हैं।
और एक बात,
कुछ लोगों के मन में ऐसी धारणा है कि
ऐं को ऐङ्
ह्रीं को ह्रीङ्
क्लीं को क्लीङ्
बोलना चाहिये। यह उच्चारण की दृष्टि से ग़लत है। वर्ण-विचार की दृष्टि से भी पूर्णतः ग़लत है। कुछ लोग अलग-अगल तर्क देकर इस उच्चारण को सही बताते हैं, लेकिन वे ख़ुद भी संशयात्मक विचारों से बाहर नहीं होते।
हाँ, किसी सिद्ध महापुरुष ने इसी रूप में इस मन्त्र को सिद्ध किया हो और वे अपने शिष्यों को यह बताते हैं तो उस साधक को उसी अनुसार जप करना चाहिये। क्योंकि गुरु के मुख से निकली वाणी ही शिष्य के लिये कल्याणकारी है। किताब या काग़ज़ पर लिखा हुआ मन्त्र नहीं।
इस पोस्ट को पढ़कर पाठकगण संशय में न रहें। यदि यह मन्त्र किसी शिष्य ने अपने गुरु से प्राप्त की है तो जैसा गुरु ने बताया है, वैसा ही जाप करें।
Good
Sir i loved mahisasur mardini strotam made easy by you in simple words…and meaning of sloka given by you is very good…
But i hv one more request…
1…plz provide word by word meaning of this strotam so that we learned it by heart… general meaning of strota is given by you …but we are eager to know each meaning of each word…for betterment of us plz help…or guide us to from where can we get it….
2…being the most scientific and ancient language should not there be online dictionary for sanskrit..
With regards
Plz reply
ucharan me kuch problems hai aap plz hme apna email whatsapp no dene ki kripa kre t