पत्रकार का अर्थ चुग़ुलख़ोर
“सर प्लीज़, ये वीडियो मिडिया में मत दिखाना।”
“देखिये, मैं एक पत्रकार हूँ। दुनिया को सच्चाई बताना मेरा फ़र्ज़ है।”
“लेकिन आपके सच्चाई बताने से मेरी बहन की ज़िन्दगी बरबाद हो जायेगी।”
“अरे भाई, आपकी बहन की इज़्ज़त लूटने की कोशिश की थी, उस बदमाश ने, क्या उसे सज़ा नहीं मिलनी चाहिये? बताओ मुझे, चुप क्यों हो?”
“उसे सज़ा मिले या ना मिले, लेकिन मेरी बहन की इज़्ज़त…”
चुप हो गया अमन, अपने वाक्य को अधूरे में छोड़कर। पत्रकार जाने लगा।
अमन ने उसे बुलाया – “सुनो, अगर मेरी बहन की जगह आपकी बहन होती तो आप इस वीडियो का क्या करते?”
पत्रकार ग़ुस्से में आकर बोला – “अबे, जान ले लूँगा साले की, अगर मेरी बहन की तरफ़ किसी ने देखा भी तो।”
अमन – “जान भले ले लेते, लेकिन अपनी बहन की वीडियो बनाते, जैसे मेरी बहन का बनाया है?”
पत्रकार – “नहीं, मैं वीडियो नहीं बनाता…मैं ऐसा होने ही नहीं दूँगा… लेकिन मैं…”
जब अपने बहन के ऊपर बात आई तो पत्रकार रुक-रुककर बोलने लगा। अमन हँसने लगा, बोला – “वाह सर! जब आपकी बहन की बात आई तो आप हकलाने लगे और मेरी बहन की बात है तो समाचार है।”
ऐसा प्रसंग जब पत्रकार के जीवन में होता है तो यही प्रतिक्रिया होती है। दूसरे की बहन समाचार का हिस्सा होती है और अपनी बहन?
जब अपनी बहन की बात आती है तो प्रश्न चिह्न खड़ा होता है, पत्रकार के पेशे पर? लेकिन यह बात ज़्यादातर पत्रकार सोचते नहीं।
पत्रकार का शाब्दिक अर्थ होता है ख़बर को स्थानान्तरण करनेवाला अर्थात् किसी भी बात को समाज के सामने रखनेवाला, इसलिये पत्रकार से अधिकांश लोग डरते हैं; क्योंकि ये अपने पेशे से चुग़ुलख़ोर होने लगते हैं। आज के समय में हम कह सकते हैं, पत्रकार का अर्थ चुग़ुलख़ोर।
जो पत्रकार वास्तव में सच्चाई का पक्ष लेते हैं, उन्हें मेरा शत-शत नमन है। मैं इस पोस्ट में उन पत्रकारों की बात कर रहा हूँ, जिन्हें केवल समाचार चाहिये। किसी इज़्ज़त लुटे या ज़िन्दगी बरबाद हो, उन्हें कुछ लेना-देना नहीं, उन्हें बस समाचार चाहिये।
जो आग लगने पर आग बुझाते नहीं, अपितु कैमरा लेकर वीडियो बनाते हैं, वैसे पत्रकार क्या हैं? केवल यन्त्र हैं। मानवता उनके भीतर मर चुकी होती है।
जिन्हें केवल समाचार चाहिये; मानवता और सहानुभूति के नाम पर जो दूसरों का भयादोहन (ब्लैकमेल) करते हैं, वे चुग़ुलख़ोर ही हैं।
पत्रकार से दूर रहिये, चुग़ुली जिनका ध्येय।
तर्कवाद के ज़ोर पर, उन्हें चाहिये श्रेय।।
पत्रकारिता में तर्क देना ही सिखाया जाता है, किसी भी बात को तर्क देकर काट देना। आज के समय में स्वयं को सत्य की तलवार बतानेवाली मीडिया भी पैसों पर बिक चुकी होती है।
कोरोना की इस महामारी में अधिकांश लोग केवल समाचार देख-देखकर मनोरोगी बन गये हैं। मीडिया मेें दिखाई जानेवाली हर बात सही हो, यह ज़रूरी नहीं है। अपने विवेक का उपयोग करें। स्वयं को सूचनाओं का संग्रहालय न बनायें।
– संजय सोनकर
You have observed very interesting details ! ps nice website .
generic cialis cost The outcome of interest was a contact with the general practitioner in which the diagnosis was a condition compatible with the occurrence of an allergic reaction within 30 days after the subsequent receipt of a first sulfonamide nonantibiotic
lasix over the counter cvs ramipril captopril nombre generico In Gravity, Sandra Bullock plays a novice astronaut andengineer alongside George Clooney as mission commander
buy nolvadex Mamofen 20 Tablet is also helpful in the treatment of infertility
Attractive section of content. I just stumbled upon your weblog and in accession capital to assert that I acquire actually enjoyed account your blog posts. Any way I’ll be subscribing to your feeds and even I achievement you access consistently quickly.
I cling on to listening to the rumor talk about receiving boundless online grant applications so I have been looking around for the best site to get one. Could you advise me please, where could i find some?
1998; 83 575 581 lasix for edema livial ranitidine vs omeprazole for babies However, author Cassandra ClareГў s book series is wildly popular, with four sequels and three prequels to Гў BonesГў already published, and more on the way
Why couldn’t I have the same or similar opinions as you? T^T I hope you also visit my blog and give us a good opinion. casinosite