लोग बौने क्यों होते हैं?
इस लेख में हम जानेंगे कि मनुष्य बौना क्यों होता है? साथ ही दुनिया के सबसे छोटा इन्सान के बारे में भी जानेंगे। आइये जानें…
हम अपने जीवन में तरह-तरह के लोग देखते हैं। कुछ लोग बहुत लम्बे होते हैं, तो कुछ बहुत हो छोटे। आमतौर पर मध्यम कद के लोग अधिक देखने को मिलते हैं। कभी-कभी तो ऐसे लोग भी दिखाई देते हैं, जिनका कद इतना छोटा होता है कि उन्हें देखकर हमें हँसी आ जाती है। सर्कस में हँसानेवाले जोकर बौने ही होते हैं।
क्या तुम जानते हो कि लोगों कि लंबाई कम क्यों रह जाती है? मनुष्य की लम्बाई में वृद्धि कई बातों पर निर्भर करती है, सामान्य रूप से मनुष्य की लम्बाई वंशानुगत गुणों के कारण होती है। जिस व्यक्ति के माँ-बाप लंबे होंगे, वह व्यक्ति भी लंबा होगा। छोटे क़द के माँ-बाप के बच्चे भी छोटे ही कद के होते हैं।
बौनेपन का दूसरा कारण बीमारी भी हो सकती है। कुछ बीमारियाँ ऐसी होती हैं, जो लम्बाई में वृद्धि को रोक देती है: बौनापन पिट्यूटरी ग्लैंड (Pituitory gland) में हर्मोनों की कमी के कारण भी हो सकता है। बहुत-से बच्चे बचपन में तो तेज़ी से बढ़ते हैं, लेकिन फिर उनका बढ़ना अचानक रुक जाता है। उनका बौनापन हार्मोनों की कमी के कारण होता है। इस प्रकार के बौनेपन की हार्मोनों के इंजेक्शन देकर दूर किया जा सकता है।
कुछ जातियाँ ऐसी होती हैं, जिनमें लोग आमतौर पर लम्बे होते हैं और कुछ जातियाँ ऐसी भी होती है, जिनके लोग छोटे क़द के होते हैं। अफ्रीका में वातूसी -(Watusi) और मसई (Masai) नामक जातियाँ ऐसी हैं, जिनमें लोग सात फुट तक लंबे होते हैं। इसके विपरीत अफ्रीका में भिगमी जाति के लोगों को लंबाई केवल साढ़े चार फुट होती है।
कुछ बौने लोग ऐसे भी होते हैं, जिनका सिर और धड़ तो सामान्य आकार का होता है, लेकिन उनकी टाँगे और बाहें छोटी होती हैं। ऐसा प्राय: हट्टियों की एक बीमारी के कारण होता है।
एक सामान्य शारीरिक ढाँचा और किशोरावस्था में बढ़ता है। इन अवस्थाओं में हड्डियों के सिरों पर स्थित कोमलास्थि (Cartilage) बढ़कर हड्डियों का रूप ले लेती है। कोमलास्थि (Cartilage) की बीमारी होने से हाथ और पैर सामान्य आकार तक नहीं बढ़ पाते।
एड्रेनल, पिट्यूटरी, थायराइड ग्लैंड्स और स्त्री पुरुष के यौन ग्लँड्स (Testes and ovaries) के विकारों के कारण भी शरीर की लंबाई बहुत ज़्यादा या बहुत कम हो सकती है। अपर्याप्त पोषक तत्वों और विटामिन्स के न मिलने से भी लम्बाई कम हो जाती है। यदि बच्चे को उसको आवश्यकता के अनुसार ये पोषक तत्व दिए जाते रहें तो उनकी लंबाई बढ़ सकती है।
इंग्लैंड में टॉम थम्ब (Tom Thumb ) नाम का एक ऐसा बौना था, जिसकी लम्बाई केवल तीन फुट चार इंच थी। उसका वजन 15 वर्ष की आयु में लगभग साढ़े ग्यारह किलोग्राम था।
जेफरी हडसन (Jeffery Hudson) नामक एक बौना केवल 18 इंच लम्बा था। वह ब्रिटिश अश्वारोही सेना में कप्तान था। वह 1619 से 1692 तक जीवित रहा।
2010 में गीनिज़ बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड्स ने नेपाल के खगेन्द्र थापा मागर को दुनिया का सबसे छोटा व्यक्ति घोषित किया था, जिसकी लम्बाई मात्र 67 सेंटीमीटर थी।
फिलीपीन का जुनरे बालाविंग 18 साल का हो गया। इसे दुनिया के सबसे छोटे क़द का व्यक्ति घोषित किया गया है। इसकी लम्बाई केवल 59.93 सेंटीमीटर है।