AAO BACCHO TUMHE DIKHAYEIN LYRICS 1954

AAO BACCHO TUMHE DIKHAYEIN
GOLDEN LYRICS IN HINDI 1954

❛ आओ बच्चो तुम्हें दिखायें…❜

आओ बच्चो तुम्हें दिखायें,
झाँकी हिन्दुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (२)
आओ बच्चो तुम्हें दिखायें,
झाँकी हिन्दुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (२)… ||ध्रु||
उत्तर में रखवाली करता,
पर्वतराज विराट है
दक्षिण में चरणों को धोता,
सागर का सम्राट है
जमुनाजी के तट को देखो,
गंगा का ये घाट है
बाट-बाट में हाट-हाट में,
यहाँ निराला ठाठ है
देखो ये तस्वीरें अपने,
गौरव की अभिमान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (२)… ||१||
ये है अपना राजपूताना,
नाज़ इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा,
बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला है,
आज़ादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों,
पद्मिनियाँ‍ अंगारों पे
बोल रही है कण-कण से,
क़ुर्बानी राजस्थान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (२)… ||२||
देखो मुल्क मराठों का ये,
यहाँ शिवाजी डोला था
मुग़लों की ताक़त को जिसने,
तलवारों पे तोला था
हर पर्वत पे आग जली थी,
हर पत्थर इक शोला था
बोली हर-हर महादेव की,
बच्चा-बच्चा बोला था
शेर शिवाजी ने रक्खी थी,
लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (२)… ||३||
जलियावाला बाग़ ये देखो,
यहीं चली थीं गोलियाँ
ये मत पूछो किसने खेली,
यहाँ ख़ून की होलियाँ
एक तरफ़ बन्दूकें दन-दन,
एक तरफ़ थीं टोलियाँ
मरनेवाले बोल रहे थे,
इन्क़लाब की बोलियाँ
यहाँ लगा दी बहनों ने भी,
बाज़ी अपनी जान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (२)… ||४||
ये देखो बंगाल यहाँ का,
हर चप्पा हरियाला है
यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने,
देश पे मरनेवाला है
ढाला है इसको बिजली ने,
भूचालों ने पाला है
मुट्ठी में तूफ़ान बँधा है,
और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमि है यही हमारे,
वीर सुभाष महान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (४)… ||५||
फ़िल्म:- जागृति (१९५४)
गीतकार:- प्रदीप
संगीतकार:- हेमन्तकुमार
गायक:-प्रदीप
CH का अर्थ है CHORUS (सामूहिक गायन)

ध्यान दें:- सामान्यतः आपको वेबसाइट या अन्य जगहों पर आओ बच्चों अर्थात् बच्चो के ऊपर अनुस्वार ं पढ़ने मिलेगा, परन्तु जब उद्बोधन अर्थात् किसी को पुकारा जाता है तो बहुवचन में अनुस्वार नहीं लगता। आप ध्यान से सुने कवि प्रदीन ने गाते समय अनुस्वार का उच्चारण नहीं किया है। अर्थात् बच्चो उच्चारण किया है।

 

❛ आओ बच्चो तुम्हें…❜

आओ बच्चो तुम्हें दिखायें,
झाँकी हिन्दुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (२)
आओ बच्चो तुम्हें दिखायें,
झाँकी हिन्दुस्तान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (२)… ||ध्रु||

उत्तर में रखवाली करता,
पर्वतराज विराट है
दक्षिण में चरणों को धोता,
सागर का सम्राट है
जमुनाजी के तट को देखो,
गंगा का ये घाट है
बाट-बाट में हाट-हाट में,
यहाँ निराला ठाठ है
देखो ये तस्वीरें अपने,
गौरव की अभिमान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (२)… ||१||

ये है अपना राजपूताना,
नाज़ इसे तलवारों पे
इसने सारा जीवन काटा,
बरछी तीर कटारों पे
ये प्रताप का वतन पला है,
आज़ादी के नारों पे
कूद पड़ी थी यहाँ हज़ारों,
पद्मिनियाँ‍ अंगारों पे
बोल रही है कण-कण से,
क़ुर्बानी राजस्थान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (२)… ||२||

देखो मुल्क मराठों का ये,
यहाँ शिवाजी डोला था
मुग़लों की ताक़त को जिसने,
तलवारों पे तोला था
हर पर्वत पे आग जली थी,
हर पत्थर इक शोला था
बोली हर-हर महादेव की,
बच्चा-बच्चा बोला था
शेर शिवाजी ने रक्खी थी,
लाज हमारी शान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (२)… ||३||

जलियावाला बाग़ ये देखो,
यहीं चली थीं गोलियाँ
ये मत पूछो किसने खेली,
यहाँ ख़ून की होलियाँ
एक तरफ़ बन्दूकें दन-दन,
एक तरफ़ थीं टोलियाँ
मरनेवाले बोल रहे थे,
इन्क़लाब की बोलियाँ
यहाँ लगा दी बहनों ने भी,
बाज़ी अपनी जान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (२)… ||४||

ये देखो बंगाल यहाँ का,
हर चप्पा हरियाला है
यहाँ का बच्चा-बच्चा अपने,
देश पे मरनेवाला है
ढाला है इसको बिजली ने,
भूचालों ने पाला है
मुट्ठी में तूफ़ान बँधा है,
और प्राण में ज्वाला है
जन्मभूमि है यही हमारे,
वीर सुभाष महान की
इस मिट्टी से तिलक करो ये,
धरती है बलिदान की
CH:- वन्दे मातरम्ऽऽ वन्दे मातरम् (४)… ||५||

फ़िल्म:- जागृति (१९५४)
गीतकार:- प्रदीप
संगीतकार:- हेमन्तकुमार
गायक:-प्रदीप

DOWNLOAD PDF आओ बच्चो तुम्हें दिखाये.जागृति (१९५४)