Aapke haseen rukh pe Lyrics 1966

AAPKE HASEEN RUKH PE
GOLDEN LYRICS IN HINDI 1966

❛ आपके हसीन रुख़…❜

Adlib आपके हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है

आपके हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है
आपकी निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है… ||ध्रु||

खुली लटों की छाँव में, खिला-खिला ये रूप है (२)
घटा से जैसे छन रही, सुबह-सुबह की धूप है
जिधर नज़र मुड़ी (३) उधर सुरूर ही सुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है
आपके हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है… ||१||

झुकी-झुकी निगाह में भी हैं बला की शोख़ियाँ (२)
दबी-दबी हँसी में भी तड़प रही हैं बिजलियाँ
शबाब आपका (३) नशे में ख़ुद ही चूर-चूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है
आपकी निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है… ||२||

जहाँ-जहाँ पड़े क़दम, वहाँ फ़िज़ा बदल गयी (२)
के जैसे सर-ब-सर बहार, आप ही में ढल गयी
किसी में ये क़शिश (३) कहाँ जो आप में हुज़ूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है
आपके हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है
आपकी निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है
हुँम् हुँम् हुँऽऽऽम् (३)… ||३||

फ़िल्म:- बहारें फिर भी आयेंगी (१९६६)
गीतकार:- अनजान
संगीतकार:- ओ. पी. नैय्यर
गायक:- मोहम्मद रफ़ी

❛ आपके हसीन रुख़…❜

Adlib आपके हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है

आपके हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है
आपकी निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है… ||ध्रु||

खुली लटों की छाँव में, खिला-खिला ये रूप है (२)
घटा से जैसे छन रही, सुबह-सुबह की धूप है
जिधर नज़र मुड़ी (३) उधर सुरूर ही सुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है
आपके हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है… ||१||

झुकी-झुकी निगाह में भी हैं बला की शोख़ियाँ (२)
दबी-दबी हँसी में भी तड़प रही हैं बिजलियाँ
शबाब आपका (३) नशे में ख़ुद ही चूर-चूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है
आपकी निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है… ||२||

जहाँ-जहाँ पड़े क़दम, वहाँ फ़िज़ा बदल गयी (२)
के जैसे सर-ब-सर बहार, आप ही में ढल गयी
किसी में ये क़शिश (३) कहाँ जो आप में हुज़ूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है
आपके हसीन रुख़ पे आज नया नूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है
आपकी निगाह ने कहा तो कुछ ज़ुरूर है
मेरा दिल मचल गया तो मेर‍ा क्या क़ुसूर है
हुँम् हुँम् हुँऽऽऽम् (३)… ||३||

फ़िल्म:- बहारें फिर भी आयेंगी (१९६६)
गीतकार:- अनजान
संगीतकार:- ओ. पी. नैय्यर
गायक:- मोहम्मद रफ़ी

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  1. Europa-Road January 16, 2023
  2. car door protection January 24, 2023
  3. tofdupefe January 25, 2023
  4. tofdupefe February 4, 2023
  5. surf camp Aguçadoura February 9, 2023
  6. Alphonse Karagul February 28, 2023
  7. Arlo guller March 3, 2023

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