AAYEE BAHARO KI SHAAM
GOLDEN LYRICS IN HINDI 1969
❛ आई बहारों की शाम…❜
Adlib ओऽ ओऽऽ ओऽऽऽ… ओऽऽऽऽ… ओ ओ ओ ओऽऽ…
आई बहारों की शाम (२) क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
आई बहारों की शाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
ठण्डी हवाऽऽ भीगी फ़िज़ाऽऽ
लायी है फिर, किसका सलाऽऽम
आई बहारों की शाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
आई बहारों की शाम… ||ध्रु.||
सितारों ने बाँधा गगन पर, समाँ जैसे खिलते गुलों का (२)
सुनसान सपनों भरी वादियों में, चाँदनी से सजे रास्तों का
घटा ने किया इन्तज़ाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
आई बहारों की शाम… ||१||
ओऽऽऽऽऽऽ ओ ओ ओ ओऽऽ (२)
ओऽऽऽऽऽऽ ओ ओ ओ ओ ओऽऽ
मैं गाता हूँ किस दिलरुबा की, मोहब्बत के रंगीं तराने (२)
कौन आनेवाला है तनहाइयों में, चुपके-चुपके ये दिल में न जाने
धड़कता है किसका पयाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
आई बहारों की शाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
ठण्डी हवाऽऽ भीगी फ़िज़ाऽऽ, लायी है फिर, किसका सलाम
आई बहारों की शाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
आई बहारों की शाम… ||२||
किसी ने पुकारा है जैसे, मुझी को दहकते लबों से (२)
लहरा के आँचल ख़ुश्बू उड़ा के, मेहँदीवाली हसीं उँगलियों से
बढ़ाया तमन्ना का जाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
आई बहारों की शाम (२)
ओऽऽऽऽऽऽ ओ ओ ओ ओऽऽ (२)
ओऽऽऽऽऽऽ ओ ओ ओ ओ ओऽऽ… ||३||
फ़िल्म:- वापस (१९६९)
गीतकार:- मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार:- लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल
गायक:- मोहम्मद रफ़ी
❛ आई बहारों की शाम…❜
Adlib ओऽ ओऽऽ ओऽऽऽ… ओऽऽऽऽ… ओ ओ ओ ओऽऽ…
आई बहारों की शाम (२) क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
आई बहारों की शाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
ठण्डी हवाऽऽ भीगी फ़िज़ाऽऽ
लायी है फिर, किसका सलाऽऽम
आई बहारों की शाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
आई बहारों की शाम… ||ध्रु.||
सितारों ने बाँधा गगन पर, समाँ जैसे खिलते गुलों का (२)
सुनसान सपनों भरी वादियों में, चाँदनी से सजे रास्तों का
घटा ने किया इन्तज़ाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
आई बहारों की शाम… ||१||
ओऽऽऽऽऽऽ ओ ओ ओ ओऽऽ (२)
ओऽऽऽऽऽऽ ओ ओ ओ ओ ओऽऽ
मैं गाता हूँ किस दिलरुबा की, मोहब्बत के रंगीं तराने (२)
कौन आनेवाला है तनहाइयों में, चुपके-चुपके ये दिल में न जाने
धड़कता है किसका पयाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
आई बहारों की शाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
ठण्डी हवाऽऽ भीगी फ़िज़ाऽऽ, लायी है फिर, किसका सलाम
आई बहारों की शाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
आई बहारों की शाम… ||२||
किसी ने पुकारा है जैसे, मुझी को दहकते लबों से (२)
लहरा के आँचल ख़ुश्बू उड़ा के, मेहँदीवाली हसीं उँगलियों से
बढ़ाया तमन्ना का जाम, क्या जानेऽऽ फिर किसकेऽऽ नाम
आई बहारों की शाम (२)
ओऽऽऽऽऽऽ ओ ओ ओ ओऽऽ (२)
ओऽऽऽऽऽऽ ओ ओ ओ ओ ओऽऽ… ||३||
फ़िल्म:- वापस (१९६९)
गीतकार:- मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार:- लक्ष्मीकान्त प्यारेलाल
गायक:- मोहम्मद रफ़ी