APNE JEEVAN KI ULJHAN LYRICS IN HINDI 1975
SUNG BY KISHORE KUMAR
❛ अपने जीवन की उलझन को…❜
अपने जीवन की उलझन को, कैसे मैं सुलझाऊँ (२)
अपनों ने जो दर्द दिये हैं, कैसे मैं बतलाऊँ… ||ध्रु||
प्यार के वादे हो गये झूठे (२) वफ़ा के बन्धन टूटे (२)
बन के जीवनसाथी कोई, चैन मेरा क्यूँ लूटे (२)
ऐसे जीवनसाथी सेऽऽऽ
ऐसे जीवनसाथी से, मैं कैसे साथ निभाऊँ
अपने जीवन की उलझन को, कैसे मैं सुलझाऊँ
अपनों ने जो दर्द दिये हैं, कैसे मैं बतलाऊँ… ||१||
कैसे-कैसे भेद छुपायें (२) हाथों की रेखाएँ (२)
कोई न जाने इस जीवन को, ये किस ओर ले जाएँ (२)
पढ़ ना पाऊँ लेख विधि काऽऽऽ
पढ़ ना पाऊँ लेख विधि का, पल-पल मैं घबराऊँ
अपने जीवन की उलझन को, कैसे मैं सुलझाऊँ
अपनों ने जो दर्द दिये हैं, कैसे मैं बतलाऊँ
अपने जीवन की उलझन को… ||२||
फ़िल्म:- उलझन (१९७५)
गीतकार:- एम. जी. हशमत
संगीतकार:- कल्याणजी आनन्दजी
गायक:- किशोर कुमार
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SUNG BY LATA MANGESHKAR
❛ अपने जीवन की उलझन को…❜
अपने जीवन की उलझन को, कैसे मैं सुलझाऊँ (२)
बीच भँवर में नाँव है मेरी, कैसे पार लगाऊँ… ||ध्रु||
दिल में ऐसा दर्द छुपा है (२) मुझसे सहा ना जाये (२)
कहना तो चाहूँ, अपनों से मैं, फिर भी कहा ना जाये (२)
आँसू भी आँखों में आयेऽऽऽ
आँसू भी आँखों में आये, चुप के से पी जाऊँ
अपने जीवन की उलझन को, कैसे मैं सुलझाऊँ
बीच भँवर में नाँव है मेरी, कैसे पार लगाऊँ… ||१||
जीवन के पिंजरे में, मन का ये पंछी (२) कैसे क़ैद से छूटे (२)
जीना होता इस दुनिया में, जब तक साँस ना टूटे (२)
दम घुटता है अब साँसों कोऽऽऽ
दम घुटता है अब साँसों को (२) कैसे बोझ उठाऊँ
अपने जीवन की उलझन को, कैसे मैं सुलझाऊँ
बीच भँवर में नाँव है मेरी, कैसे पार लगाऊँ
अपने जीवन की उलझन को… ||२||
फ़िल्म:- उलझन (१९७५)
गीतकार:- एम. जी. हशमत
संगीतकार:- कल्याणजी आनन्दजी
गायिका:- लता मंगेशकर
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