APNI AANKHON MEIN BASAKAR LYRICS 1974
❛ अपनी आँखों में बसाकर…❜
अपनी आँखों में बसाकर, कोई इक़रार करूँ (२)
जी में आता है के, जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर, कोई इक़रार करूँ… ||ध्रु||
मैंने कब तुझसे, ज़माने की, ख़ुशी माँगी है
एक हल्की-सी, मेरे लब ने, हँसी माँगी है (२)
सामने तुझको बिठाकर, तेरा दीदार करूँ
जी में आता है के, जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर, कोई इक़रार करूँ… ||१||
सहमी-सहमी, ये निगाहें, ये जवानी तौबा
मस्त नज़रों में, है उल्फ़त की, कहानी तौबा
आ मेरी जाने-तमन्ना, तेरा सिंगार करूँ
जी में आता है के, जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर, कोई इक़रार करूँ… ||२||
साथ छूटे ना, कभी तेरा, ये क़सम ले लूँ
हर ख़ुशी दे के, तुझे तेरे, सनम ग़म ले लूँ (२)
हाय मैं किस तरह से प्यार का, इज़हार करूँ
जी में आता है के, जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर, कोई इक़रार करूँ… ||३||
फ़िल्म:- ठोकर (१९७४)
गीतकार:- साजन देहलवी
संगीतकार:- श्यामजी घनश्यामजी
गायक:- मोहम्मद रफ़ी
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अपनी आँखों में बसाकर.ठोकर (१९७४)
अपनी आँखों में बसाकर, कोई इक़रार करूँ (२)
जी में आता है के, जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर, कोई इक़रार करूँ… ||ध्रु||
मैंने कब तुझसे, ज़माने की, ख़ुशी माँगी है
एक हल्की-सी, मेरे लब ने, हँसी माँगी है (२)
सामने तुझको बिठाकर, तेरा दीदार करूँ
जी में आता है के, जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर, कोई इक़रार करूँ… ||१||
सहमी-सहमी, ये निगाहें, ये जवानी तौबा
मस्त नज़रों में, है उल्फ़त की, कहानी तौबा
आ मेरी जाने-तमन्ना, तेरा सिंगार करूँ
जी में आता है के, जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर, कोई इक़रार करूँ… ||२||
साथ छूटे ना, कभी तेरा, ये क़सम ले लूँ
हर ख़ुशी दे के, तुझे तेरे, सनम ग़म ले लूँ (२)
हाय मैं किस तरह से प्यार का, इज़हार करूँ
जी में आता है के, जी भर के तुझे प्यार करूँ
अपनी आँखों में बसाकर, कोई इक़रार करूँ… ||३||
फ़िल्म:- ठोकर (१९७४)
गीतकार:- साजन देहलवी
संगीतकार:- श्यामजी घनश्यामजी
गायक:- मोहम्मद रफ़ी