Arey Yaar Meri Tum bhi ho gazab Golden lyrics 1965
❛ अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब…❜
M:- अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब
घूँघट तो ज़रा ओड़ो
आहा मानो कहा, अब तुम हो जवाँ
मेरी जान लड़कपन छोड़ो
F:- जब मेरी चुनरिया मलमल की
फिर क्यूँ न फिरूँ झलकी झलकी
M:- अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब
घूँघट तो ज़रा ओड़ो
आहा मानो कहा, अब तुम हो जवाँ
मेरी जान लड़कपन छोड़ो… ||ध्रु.||
F:- [ कोई जो मुझको हाथ लगायेगा, हाथ न उसके आऊँगी
मैं तेरे मन की लाल परी हूँ रे, मन में तेरे उड़ जाऊँगी ] (२)
M:- तुम परीऽऽ तो ज़रूर हो, पर बड़ीऽऽ मशहूर हो
F:- जब मेरी चुनरिया मलमल की
फिर क्यूँ न फिरूँ झलकी झलकी
M :- अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब
घूँघट तो ज़रा ओड़ो
आहा मानो कहा, अब तुम हो जवाँ
मेरी जान लड़कपन छोड़ो… ||१||
F:- [ देख के तरसें लाख ये भँवरे, और इन्हें तरसाऊँगी
तेरी गली की एक कली हूँ, तेरे गले लग जाऊँगी ] (२)
M:- तुम कलीऽऽ तो ज़रूर हो, पर बड़ीऽऽ मशहूर हो
F:- जब मेरी चुनरिया मलमल की
फिर क्यूँ न फिरूँ झलकी झलकी
M:- अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब
घूँघट तो ज़रा ओड़ो
आहा मानो कहा, अब तुम हो जवाँ
मेरी जान लड़कपन छोड़ो… ||२||
F:- [ डाल के घूँघटा रूप को अपने, और नहीं मैं छुपाऊँगी
सुन्दरी बन के तेरी बलमवा, आज तो मैं लहराऊँगी ] (२)
M:- सुन्दरीऽऽ तो ज़रूर हो, पर बड़ीऽऽ मशहूर हो
F:- जब मेरी चुनरिया मलमल की
फिर क्यूँ न फिरूँ झलकी झलकी
M:- अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब, घूँघट तो ज़रा ओड़ो
अरे मानो कहा, अब तुम हो जवाँ, मेरी जान लड़कपन छोड़ो
F:- जब मेरी चुनरिया मलमल की
फिर क्यूँ न फिरूँ झलकी झलकी
M:- अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब
घूँघट तो ज़रा ओड़ो हुँम् हुँम्
अरे मानो कहा, अब तुम हो जवाँ
मेरी जान लड़कपन छोड़ो… ||३||
फ़िल्म: तीन देवियाँ (१९६५)
गीतकार: मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार:- एस. डी. बर्मन
गायक:- आशा भोसले, किशोर कुमार
❛ अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब…❜
M:- अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब
घूँघट तो ज़रा ओड़ो
आहा मानो कहा, अब तुम हो जवाँ
मेरी जान लड़कपन छोड़ो
F:- जब मेरी चुनरिया मलमल की
फिर क्यूँ न फिरूँ झलकी झलकी
M:- अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब
घूँघट तो ज़रा ओड़ो
आहा मानो कहा, अब तुम हो जवाँ
मेरी जान लड़कपन छोड़ो… ||ध्रु.||
F:- [ कोई जो मुझको हाथ लगायेगा, हाथ न उसके आऊँगी
मैं तेरे मन की लाल परी हूँ रे, मन में तेरे उड़ जाऊँगी ] (२)
M:- तुम परीऽऽ तो ज़रूर हो, पर बड़ीऽऽ मशहूर हो
F:- जब मेरी चुनरिया मलमल की
फिर क्यूँ न फिरूँ झलकी झलकी
M :- अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब
घूँघट तो ज़रा ओड़ो
आहा मानो कहा, अब तुम हो जवाँ
मेरी जान लड़कपन छोड़ो… ||१||
F:- [ देख के तरसें लाख ये भँवरे, और इन्हें तरसाऊँगी
तेरी गली की एक कली हूँ, तेरे गले लग जाऊँगी ] (२)
M:- तुम कलीऽऽ तो ज़रूर हो, पर बड़ीऽऽ मशहूर हो
F:- जब मेरी चुनरिया मलमल की
फिर क्यूँ न फिरूँ झलकी झलकी
M:- अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब
घूँघट तो ज़रा ओड़ो
आहा मानो कहा, अब तुम हो जवाँ
मेरी जान लड़कपन छोड़ो… ||२||
F:- [ डाल के घूँघटा रूप को अपने, और नहीं मैं छुपाऊँगी
सुन्दरी बन के तेरी बलमवा, आज तो मैं लहराऊँगी ] (२)
M:- सुन्दरीऽऽ तो ज़रूर हो, पर बड़ीऽऽ मशहूर हो
F:- जब मेरी चुनरिया मलमल की
फिर क्यूँ न फिरूँ झलकी झलकी
M:- अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब, घूँघट तो ज़रा ओड़ो
अरे मानो कहा, अब तुम हो जवाँ, मेरी जान लड़कपन छोड़ो
F:- जब मेरी चुनरिया मलमल की
फिर क्यूँ न फिरूँ झलकी झलकी
M:- अरे यार मेरी तुम भी हो ग़ज़ब
घूँघट तो ज़रा ओड़ो हुँम् हुँम्
अरे मानो कहा, अब तुम हो जवाँ
मेरी जान लड़कपन छोड़ो… ||३||
फ़िल्म: तीन देवियाँ (१९६५)
गीतकार: मजरूह सुल्तानपुरी
संगीतकार:- एस. डी. बर्मन
गायक:- आशा भोसले, किशोर कुमार
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अरे यार मेरी तुम भी ग़ज़ब.तीन देवियाँ (१९६५)