Category: धर्म की बातें
श्री रमण महर्षि RAMANA MAHARSHI ईश्वर के प्रत्यक्ष दर्शन करनेवाले सन्त भारत से अंग्रेज़ तो चले गये पर अपने पीछे ऐसे लोगों को छोड़ गये, जो ग़रीब, पिछड़ी हुई …
योगी अरविंद घोष का जन्म १५ अगस्त १८७२ को कोलकाता में हुआ। उनके पिता का नाम कृष्णधन घोष, जो पेशे से डॉक्टर थे और माता का नाम स्वर्णलता देवी …
शंख के फ़ायदे सनातन धर्म में शंख का विशेष महत्त्व है। प्रायः पूजा-पाठ, आरती, राज्यभिषेक आदि प्रसंग पर शंखनाद किया जाता है। यहाँ तक कि युद्ध की घोषणा की …
चातुर्मास का महत्त्व (१० जुलाई से ४ नवम्बर २०२२ तक) ‘स्कन्द पुराण’ के ब्रह्मखण्ड के अन्तर्गत ‘चतुर्मास माहात्म्य’ में आता है, सूर्य के कर्क राशि पर स्थित रहते हुए …
आद्य शंकराचार्य की आयु कैसे बढ़ी? श्रीमद् आद्य शंकराचार्य उच्चकोटि के ब्रह्मनिष्ठ सन्त थे। एक दिन वे उत्तरकाशी में अपने शिष्यों को ‘ब्रह्मसूत्र-भाष्य’ (शारीरिक सूत्र भाष्य) पढ़ा रहे थे। …
ईश्वर माँ की तरह हैं प्रस्तुत लेख स्वामी रामसुखदासजी महाराज के सत्संग का अंश है। साधन सुधा सिन्धु (भक्तियोग) गीताप्रेस गोरखपुर की पुस्तिका में प्रकाशित है। स्वामीजी ने माँ …
महाभारत के रचयिता महर्षि वेदव्यास से शायद ही कोई सनातनधर्मी अपरिचित हो। महाभारत के अलावा महर्षि वेदव्यास ने १८ पुराणों एवं ब्रह्मसूत्र की रचना की। कहा जाता है, संसार …
कर्म का फल (गरुड़ पुराण_अध्याय-225) कर्म का फल मनुष्य को भोगना ही पड़ता है। शास्त्र की कुछ बातें मनुष्य समझ से परे होती है, धार्मिक वृत्ति का मनुष्य उसे …
गरुड़ पुराण क्या है? समाज में किसी चीज़ के प्रति कभी-कभी ग़लत धारणाएँ बन जाती हैं। ऐसी ही धारण गरुड़ पुराण के प्रति हमारे मन में घर कर गयी …
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार शिव-पार्वती के विवाह के समय भगवान् विष्णु के श्रीमुख से निःसृत यह श्लोक है।