Category: स्तोत्र-संग्रह
नीलसरस्वती स्तोत्रं के नित्य पाठ से साधक की बुद्धि तीक्ष्ण होने के साथ ही उसे विद्या, ज्ञान, कवित्वशक्ति भी प्राप्त होने लगती है।
कोई व्यक्ति जब किसी स्तोत्र का माहात्म्य सुनता है तो निश्चित ही उसका पाठ करना चाहता है, किन्तु वह संस्कृत में लिखे हुए श्लोकों को देखकर घबरा जाता है। …
❀ शिवसहस्रनामावलि ❀ भाग-३/ ७०१ से १००८ ७०१) ॐ भोजनाय नमः७०२) ॐ प्राणधारणाय नमः७०३) ॐ धृतिमते नमः७०४) ॐ मतिमते नमः७०५) ॐ दक्षाय नमः७०६) ॐ सत्कृताय नमः७०७) ॐ युगाधिपाय नमः७०८) …
❀ शिवसहस्रनामावलि ❀ भाग-२/ ३०१ से ७०० ३५१) ॐ विशाखाय नमः३५२) ॐ षष्टिभागाय नमः३५३) ॐ गवाम्पतये नमः३५४) ॐ वज्रहस्ताय नमः३५५) ॐ विष्कम्भिने नमः३५६) ॐ चमूस्तम्भनाय नमः३५७) ॐ वृत्तावृत्तकराय नमः३५८) …
❀ शिवसहस्रनामावलि ❀ (भाग-१ / १ से ३५० तक) १) ॐ स्थिराय नमः२) ॐ स्थाणवे नमः३) ॐ प्रभवे नमः४) ॐ भीमाय नमः५) ॐ प्रवराय नमः६) ॐ वरदाय नमः७) ॐ …
सरोवर के भीतर महाबली ग्राह के द्वारा पकड़े जाने पर दुखी हुए उस हाथी ने आकाश में गरुड़ की पीठ पर चक्र को उठाये हुए भगवान् श्रीहरि को देखकर …
मृतसंजीवन हिन्दी अर्थ ❀ मृतसञ्जीवन कवच ❀ (❑➧ मूल श्लोक ❑अर्थसहित) ❑➧एवमाराध्य गौरीशं देवं मृत्युञ्जयेश्वरम्। मृतसञ्जीवनं नाम कवचं प्रजपेत् सदा।।१।। ❑अर्थ➠गौरीपति मृत्युंजयेश्वर भगवान् शंकर की विधिपूर्वक आराधना करने के …
मृतसंजीवन कवच मृतसञ्जीवन कवच भगवान् राम के गुरु वसिष्ठ ऋषि द्वारा रचित भगवान् शिव की वाणी है। वसिष्ठ महाराज ने अपने शिष्यों के समक्ष यह जिस प्रकार सुनाया, …
❑अर्थ➠हे दयानिधे ! हे पशुपते ! हे देव! यह रत्ननिर्मित सिंहासन, शीतल जल से स्नान, नाना रत्नावलि विभूषित दिव्य वस्त्र, कस्तूरिका गन्धसमन्वित चन्दन, जुही, चम्पा और बिल्वपत्रसे रचित पुष्पाञ्जलि …
(१) गणंजय (२) गणपति (३) हेरम्ब (४) धरणीधर (५) महागणपति (६) लक्षप्रद (७) क्षिप्रप्रसादन (८) अमोघसिद्धि (९) अमित (१०) मन्त्र (११) चिन्तामणि (१२) निधि (१३) सुमंगल (१४) बीज, (१५) …