Category: अध्यात्म
श्रीसूक्तम् मूल-लघु पाठ देवी पूजा में श्रीसूक्त का विशेष स्थान है। भगवती लक्ष्मी की कृपा पाने के लिये इसका पाठ सर्वोत्तम साधन माना जाता है। ऐश्वर्य, सुख-समृद्धि की कामना …
दुष्टों से दूर रहें कबीर के दोहे विवेकहीन मूर्ख लोगों को कितना भी समझाया जाये, वे असार बातों को ही ग्रहण करते हैं; क्योंकि वे स्वभाव से ही दुष्ट …
भीख को अंग (कबीरदास के दोहे) अपने स्वाभिमान को भूलकर भीख माँगना मृत्यु के समान है। स्वाभिमान और अभिमान में बहुत अन्तर है। स्वाभिमान आपको भीतर से गिरने नहीं …
कर्म का फल (गरुड़ पुराण_अध्याय-225) कर्म का फल मनुष्य को भोगना ही पड़ता है। शास्त्र की कुछ बातें मनुष्य समझ से परे होती है, धार्मिक वृत्ति का मनुष्य उसे …
गरुड़ पुराण क्या है? समाज में किसी चीज़ के प्रति कभी-कभी ग़लत धारणाएँ बन जाती हैं। ऐसी ही धारण गरुड़ पुराण के प्रति हमारे मन में घर कर गयी …
सच्चे संत की परख कबीरवाणी (कबीर के दोहे) समाज में तरह-तरह के लोग हैं। कुछ लोग पाखण्डी ही होते हैं। कुछ लोग पाखण्डी बन जाते हैं। भक्ति की राह …
नशे से सावधान व्यसन कैसा भी हो पतनकारी होता है। भांग, तम्बाखू, अफ़ीम, शराब, चिलम ये सब व्यसन के प्रकार हैं। इन सबसे हमें यथा सम्भव बचने का प्रयास …
जीवदानी चालीसा भारत देश के महाराष्ट्र राज्य में ठाणे-ज़िला के विरार शहर में एक पहाड़ी की छोर पर जीवदानी माता का मन्दिर स्थित है। माँ जीवदानी के नाम ही …
गीता माहात्म्य श्रीमद्भगवद्गीता के इस माहात्म्य का उल्लेख श्रीवाराहपुराण के अन्तर्गत है। धरतीमाता के पूछने पर भगवान् श्रीहरि ने गीता के यह माहात्म्य कहा है, जिसे श्रीसूतजी बता रहे …
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार शिव-पार्वती के विवाह के समय भगवान् विष्णु के श्रीमुख से निःसृत यह श्लोक है।