Category: अध्यात्म
Durga Saptashati Chapter-2 पोस्ट के अन्त में PDF उपलब्ध है। श्रीदुर्गासप्तशती द्वितीयोऽध्यायः विनियोगः ❑➧ॐ मध्यमचरित्रस्य विष्णुर्ऋषिः, महालक्ष्मीर्देवता, उष्णिक् छन्दः, शाकम्भरी शक्तिः, दुर्गा बीजम्, वायुस्तत्त्वम्, यजुर्वेदः स्वरूपम्, श्रीमहालक्ष्मीप्रीत्यर्थं मध्यमचरित्रजपे विनियोगः। …
Durga Saptashati Chapter-1 पोस्ट के अन्त में PDF उपलब्ध है। ।।श्री दुर्गायै नमः।। श्रीदुर्गासप्तशती प्रथमोऽध्यायः विनियोगः ❑➧ॐ प्रथमचरित्रस्य ब्रह्मा ऋषिः, महाकाली देवता, गायत्री छन्दः, नन्दा शक्तिः, रक्तदन्तिका बीजम्, अग्निस्तत्त्वम्, …
नवार्ण मंत्र क्या है? नवार्ण का अर्थ होता है, नौ वर्ण अर्थात् नौ अक्षर। नवार्ण मन्त्र का अर्थ हुआ नौ वर्णों (अक्षरों) वाला मन्त्र। जो इस प्रकार है ।।ऐं …
बिना कुछ किये ज़िन्दगी गुज़ार देने से कहीं अच्छा है, ग़लतियाँ करते हुए ज़िन्दगी को नया मोड़ देना।
शिवपूजा में बेलपत्र का विशेष महत्त्व है। शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पण करते समय बिल्वाष्टकम् स्तोत्र का पठन करने से मन अहोभाव से भर जाता है। लिंगाष्टकम् की तरह यह …
अथर्वशीर्ष का अर्थ होता है, अथर्ववेद का शिरोभाग। वेद के चार भाग है, १)संहिता, २)ब्राह्मण, ३)आरण्यक तथा ४)उपनिषद्। जिन्हें श्रुति कहा जाता है। पाँच अथर्वशीर्ष हैं─ गणपत्यथर्वशीर्षम्, शिवाथर्वशीर्षम्, देव्यथर्वशीर्षम्, …
सनातन पुरुष भगवान नारायण ने संकल्प किया⼀'मैं जीवों की सृष्टि करूँ।' (अत: उन्हीं से सबकी उत्पत्ति हुई है।) नारायण से ही समष्टिगत प्राण उत्पन्न होता है, उन्हीं से मन …
पाँचों अथर्वशीर्ष में सबसे संक्षिप्त और सरल है। इसकी फलश्रुति में बताया गया है कि इसके पाठ से चारों वेदों के पाठ का फल प्राप्त होता है। मनुष्य सभी …
शिव अथर्वशीर्ष अर्थ शिवाथर्वशीर्षम् पाँच अथर्वशीर्ष में सबसे बड़ा है। शिव उपासना में इसका विशेष महत्त्व है। इसमें बड़े-बड़े कुल सात अनुच्छेद है। आइये,https://sugamgyaansangam.com के इस पोस्ट में इसका …
सभी देवता देवी के समीप गये और नम्रता से पूछने लगे, हे महादेवि! तुम कौन हो? देवी ने कहा⸺मैं ब्रह्मस्वरूपा हूँ। मुझसे प्रकृति-पुरुषात्मक सद्रूप और असद्रूप जगत् उत्पन्न हुआ …