Category: चाणक्य नीति

Chanakya Niti Chapter – 2

अनृतं साहसं माया मूर्खत्वमतिलुब्धता। अशौचत्वं निर्दयत्वं स्त्रीणां दोषाः स्वभावजाः।।१।। झूठ बोलना, बिना सोचे-समझे किसी कार्य को प्रारंभ कर देना, दुस्साहस करना, छल-कपट करना, मूर्खतापूर्ण कार्य करना, लोभ करना, अपवित्र …

चाणक्य नीति अध्याय-१

नीति शब्द से जुड़कर बना राजनीति शब्द का आज के समय में बड़ा ही बेहूदा अर्थ लगाया जाता है किन्तु नीति का अर्थ होता है सुव्यवस्था और राजनीति का …