।।राज्यपाल इन्द्रिय जयः।।६।। राज्य का मूल इन्द्रियों को अपने वश में रखना है। प्रत्येक राष्ट्र जो उन्नति करता है, वहाँ के सर्वोच्च पदाधिकारियों का कर्त्तव्य है कि वे अपनी …
सूत्र छोटे-छोटे किन्तु सारगर्भित वाक्य होते हैं, जो आपस में भलीभाँति जुड़े होते हैं। इसलिये नीतियों को पढ़ते समय विषयान्तर हो सकता है, परन्तु सूत्रों में ऐसा नहीं होता।