Category: मेरी क़लम
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हिन्दू हो चाहे मुस्लिम हो, जो मांस पशु का खाते हैं। वे मानव रूप में दानव हैं, जीवन भर पाप कमाते हैं।।
संयम साधे घर बैठें, चहुँ दिश संकट छाया है। इक अदृश्य महामारी ने, विषैला खेल रचाया है।।
इन्सान के हर काम में काग़ज़ की अहम् भूमिका है। सच भी काग़ज़ पर लिखा जाता है और झूठ भी काग़ज़ पर! शिक्षा की शुरूअात भी काग़ज़ से होती …