Category: पारम्परिक
मच्छर बलवान या मनुष्य? हर जीव का स्वभाव है, जिस बात से उसे दुःख हो, वह उससे निजात पाना चाहता है। यह स्वभाव प्रकृति के हर जीव में …
आख़री शब्द (कहानी) दोस्ती एक विश्वास है। मौत तो एक दिन सबको आनी है, लेकिन सच्चे दोस्त की बाँहों में आये तो वह मौत भी अनमोल सुख का अहसास …
जैसे ही माँ ने बेटे की बात सुनी, माँ का चेहरा पीला पड़ गया और अपने आप को सँभालने के लिए उसने दरवाज़े का सहारा लिया। उसके मस्तिष्क में …
बोला तो मरा एक राजा था। उसकी कोई सन्तान नहीं थी। एक बार नगर में किसी अच्छे सन्त का आगमन हुआ। उनके शिष्य भी इतनी उच्चतम् अवस्था को प्राप्त …
एक बार धरती पर नारद मुनि नारायण नाम का कीर्तन करते हुए विचरण कर रहे थे, तभी उनके कानों में आवाज़ सुनाई दी ॐ नमो भगवते वासुदेवाय… ॐ नमो …
कथा-कहानी लालच की चक्की एक शिष्य ने अपने गुरु से प्रार्थना की, गुरुजी, मैं रोज़ सत्संग सुनता हूँ, सेवा भी करता हूँ, फिर भी मुझे कोई फल नहीं मिला। …
इन्सान की सोच ही उसकी ज़ुबान पर आती है, दूसरों की वेदना नहीं। इसलिये कहा गया है जैसी दृष्टि वैसी सृष्टि।
पुनि पुनि चन्दन पुनि पुनि पानी।गल गये ठाकुर हम का जानी।। इस चौपाई को हमने कभी न कभी सुना ही होगा। शायद ही ऐसा कोई काव्यप्रेमी होगा, जो इस …