Category: STOTRA-SANGRAH
निर्वाण षटकम् ( आदि शंकराचार्यकृत ) मनोबुद्ध्यहङ्कार चित्तानि नाहं न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राणनेत्रे। न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायुः चिदानन्द रूपः शिवोऽहं शिवोऽहम्।।१।। मैं न …
जो मनुष्य भक्तियुक्त तथा पवित्र होकर चराचर के गुरु (श्रीगणेशजी) के इस गणेशाष्टक स्तोत्र का संयत चित्त से तीनों सन्ध्या कालों में नित्य पाठ करता है, अनुपमा लक्ष्मी जी …
जपाकुसुमसंकाशं काश्यपेयं महाद्युतिम्। तमोऽरिं सर्वपापघ्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम्।।१।।
जयति तेऽधिकं जन्मना व्रजः श्रयत इन्दिरा शश्वदत्र हि। दयित दृश्यतां दिक्षु तावकास्त्वयि धृतासवस्त्वां विचिन्वते।।१।।
नवग्रह कवच को भोजपत्र में लिखकर भुजाओं में धारण करने नवग्रहों कृपा हम बनी रहती है। यह कवच सर्वोत्तम है, जो नौ ग्रहों की बाधाओं में से मुक्त कर …
रामरक्षा स्तोत्र-मंत्र के बुधकौशिक ऋषि हैं, सीता और रामचन्द्र देवता हैं, अनुष्टुप् छन्द है, सीता शक्ति हैं, श्रीमान हनुमान जी कीलक हैं तथा श्रीरामचन्द्र जी की प्रसन्नता के लिये …
जो भक्तगण श्रीविष्णुसहस्रनामस्तोत्रम् को श्रवण के साथ ही पठन करना चाहते हैं, उनके लिये सुगम ज्ञान संगम का यह पोस्ट बहुत ही सहायक सिद्ध होगा।
संकटनाशनगणेशस्तोत्र को गणपति स्तोत्र के नाम से भी जाना जाता है। इसमें अनुष्टुप् छन्द पर आधारित ८ श्लोक हैं, जिनमें भगवान् श्री गणेश के बारह नाम और इस स्तोत्र …
श्रीविश्वनाथ स्तवः योगीशमिश्र द्वारा रचित है। इसकी रचना भुजंगप्रयात छन्द पर आधारित है। इसका भाव बड़ा ही सुन्दर और भक्तिपूर्ण है। जिस प्रकार रुद्राष्टकम् का पाठ करते हैं, उसी …
मनोरथसिद्धिप्रदगणेशस्तोत्रम् भक्तों की मनोकामना सिद्ध करनेवाला अद्भुत स्तोत्र है। अनुष्टुप् छन्द पर आधारित इसमें १३ श्लोक हैं…