Isharon isharon me lyrics 1964

ISHARON ISHARON ME
GOLDEN LYRICS IN HINDI 1964

❛ इशारों-इशारों में दिल लेनेवाले…❜

M:- ओऽऽऽ ओऽऽऽऽ आऽऽऽऽ आ आ आ आऽऽऽ
F:- हायऽऽऽ इशारों-इशारों में दिल लेनेवाले
बता ये हुनर तू ने सीखा कहाँ से
M:- निगाहों-निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से
आ आ आऽऽऽ आ आ आऽऽऽ
F:- आ हाऽऽऽ आ आ आऽऽऽ… ❴ध्रु❵

M:- ओऽ मेरे दिल को तुम भा गये
मेरी क्या थी इसमें ख़ता
मुझे जिसने तड़पा दिया
यही थी वो ज़ालिम अदा (२)
ये राँझा की बातें, ये मजनूँ के क़िस्से
अलग तो नहीं हैं, मेरी दास्ताँ से
F:- इशारों-इशारों में दिल लेनेवाले
बता ये हुनर तू ने सीखा कहाँ से… ❴१❵

F:- ओऽ मुहब्बत जो करते हैं वो
मुहब्बत जताते नहीं
धड़कनें अपने दिल की कभी
किसी को सुनाते नहीं (२)
मज़ा क्या रहा, जब के ख़ुद कर दिया हो
मुहब्बत का इज़हार, अपनी ज़ुबाँ से
M:- निगाहों निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सीखा है तुमने कहाँ से… ❴२❵

M:- ओऽ माना के जाने-जहाँ,
लाखों में तुम एक हो
हमारी निगाहों की भी,
कुछ तो मगर दाद दो (२)
बहारों को भी नाज़ जिस फूल पर था
वो ही फूल हमने चुना गुलसिताँ से
F:- इशारों-इशारों में दिल लेनेवाले
बता ये हुनर तू ने सीखा कहाँ से
M:- निगाहों-निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से
F:- बता ये हुनर तू ने सीखा कहाँ से
M:- मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से
F:- बता ये हुनर तू ने सीखा कहाँ से
M:- मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से
F:- बता ये हुनर तू ने सीखा कहाँ से
M:- मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से… ❴३❵

फ़िल्म:- कश्मीर की कली (१९६४)
गीतकार:- एस. एच. बिहारी
संगीतकार:- ओ. पी. नैय्यर
गायक:- मोहम्मद रफ़ी और आशा भोसले

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❛ इशारों-इशारों में दिल लेनेवाले…❜

M:- ओऽऽऽ ओऽऽऽऽ आऽऽऽऽ आ आ आ आऽऽऽ
F:- हायऽऽऽ इशारों-इशारों में दिल लेनेवाले
बता ये हुनर तू ने सीखा कहाँ से
M:- निगाहों-निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से
आ आ आऽऽऽ आ आ आऽऽऽ
F:- आ हाऽऽऽ आ आ आऽऽऽ…❴ध्रु❵

M:- ओऽ मेरे दिल को तुम भा गये
मेरी क्या थी इसमें ख़ता
मुझे जिसने तड़पा दिया
यही थी वो ज़ालिम अदा (२)
ये राँझा की बातें, ये मजनूँ के क़िस्से
अलग तो नहीं हैं, मेरी दास्ताँ से
F:- इशारों-इशारों में दिल लेनेवाले
बता ये हुनर तू ने सीखा कहाँ से… ❴१❵

F:- ओऽ मुहब्बत जो करते हैं वो
मुहब्बत जताते नहीं
धड़कनें अपने दिल की कभी
किसी को सुनाते नहीं (२)
मज़ा क्या रहा, जब के ख़ुद कर दिया हो
मुहब्बत का इज़हार, अपनी ज़ुबाँ से
M:- निगाहों निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सीखा है तुमने कहाँ से… ❴२❵

M:- ओऽ माना के जाने-जहाँ,
लाखों में तुम एक हो
हमारी निगाहों की भी,
कुछ तो मगर दाद दो (२)
बहारों को भी नाज़ जिस फूल पर था
वो ही फूल हमने चुना गुलसिताँ से
F:- इशारों-इशारों में दिल लेनेवाले
बता ये हुनर तू ने सीखा कहाँ से
M:- निगाहों-निगाहों में जादू चलाना
मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से
F:- बता ये हुनर तू ने सीखा कहाँ से
M:- मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से
F:- बता ये हुनर तू ने सीखा कहाँ से
M:- मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से
F:- बता ये हुनर तू ने सीखा कहाँ से
M:- मेरी जान सीखा है तुमने जहाँ से… ❴३❵

फ़िल्म:- कश्मीर की कली (१९६४)
गीतकार:- एस. एच. बिहारी
संगीतकार:- ओ. पी. नैय्यर
गायक:- मोहम्मद रफ़ी और आशा भोसले

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